समर केम्प का दूसरा दिन 'तारे जमीं पर' फिल्म के प्रदर्शन और व्यावसायिक कैंपस के भ्रमण पर केंद्रित रहा /स्वामी आत्मानंद शा. उच्चतर मा. विद्यालय चक्रधर नगर के छात्रों ने अपना अनुभव साझा किया
समर केम्प का दूसरा दिन 'तारे जमीं पर' फिल्म के प्रदर्शन और व्यावसायिक कैंपस के भ्रमण पर केंद्रित रहा
स्वामी आत्मानंद शा. उच्चतर मा. विद्यालय चक्रधर नगर के छात्रों ने अपना अनुभव साझा किया
रायगढ़ । स्वामी आत्मानंद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चक्रधर नगर रायगढ़ में समर कैंप के द्वितीय दिवस का आयोजन हुआ। सर्वप्रथम संस्था के प्रभारी प्राचार्य अनिल कुमार शराफ द्वारा बच्चों को संबोधित किया गया। उन्होंने शिक्षाप्रद फिल्मों को लेकर बच्चों को बहुत सारी जानकारियां प्रदान कीं। उसके बाद शिक्षक स्टाफ राजा राम सरल और के पी देवांगन के तकनीकी सहयोग से प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को बड़े पर्दे पर 'तारे जमीं पर' नामक फिल्म दिखाई गई। यह फिल्म मूलतः बच्चों के मनोविज्ञान पर केंद्रित है । इस फिल्म का बच्चों ने खूब आनंद लिया। इस फिल्म को लेकर शालेय परिवार की शिक्षिकाओं नायर मेडम, वसुंधरा पांडेय मेडम, भगत मेडम, कनक मेडम एवम शारदा प्रधान ने बच्चों से बातचीत की एवं उनके विचार भी जानने का प्रयास किया। इस अवसर पर बच्चों की ओर से कीर्ति यादव,कशिश डनसेना,बरखा तम्बोली,मुस्कान नामदेव ने फ़िल्म को लेकर अपनी बातें रखीं। फ़िल्म पर कुछ जरूरी बातें व्याख्याता रमेश शर्मा की ओर से भी रखीं गईं। उन्होंने कहा कि एक असामान्य बच्चे जिसको की डिस्लेक्सिया जैसी समस्या है , उसके भीतर भी कुछ प्रतिभा हो सकती है , उस प्रतिभा को पहचाना न केवल शिक्षकों के लिए बल्कि उसके साथियों के लिए भी जरूरी है। अगर हम उसे नहीं पहचानेंगे तो वह अवसाद में भी जा सकता है। यह सच है कि विशेष आवश्यकता वाले कुछ बच्चे बहुत आसानी से दोस्त बना लेते हैं। पर कुछ को अपनी कक्षा में साथियों से जुड़ने के लिए किसी वयस्क की मदद की आवश्यकता हो सकती है। दोस्त होना बच्चे के जीवन के सबसे फायदेमंद पहलुओं में से एक है । सहकर्मी समूह बच्चे की सामाजिक क्षमता, आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं। मित्रता सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक विकास में सहायता करती है। एक अच्छा दोस्त होने का मतलब है मज़ेदार समय और कठिन समय को साझा करना भी है। एक अच्छा दोस्त शब्दों, इशारों या चुप्पी के माध्यम से खुशी और जुड़ाव प्रदान कर सकता है। दोस्तों का एक समूह एक बच्चे को फिट होने और स्वीकार किए जाने का एक अद्भुत और महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर सकता है। इसलिए, एक विशेष बच्चे के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उसके कई सहायक मित्र हों ताकि वह बिना किसी झिझक के विकास कर सके और अलग-थलग महसूस न करे।
फिल्म प्रदर्शन, अवलोकन और चर्चा का यह सत्र बहुत सारगर्भित रहा।
दूसरे सत्र में विद्यालय के छात्र-छात्राओं को रूपसी गारमेंट्स के व्यावसायिक कैंपस में ले जाया गया। कपड़ों से जुड़े व्यावसायिक प्रबंधन की जानकारियों को वहां के ऑनर देवांगन जी ने बहुत गहराई से और प्रभावी तरीकों से बच्चों के सामने प्रस्तुत किया। पूरे केम्पस का अवलोकन करते हुए समस्त कामकाज को विद्यार्थियों ने करीब से देखा और उसे जान ने समझने की कोशिश भी की। उन्हें इस बात की भी जानकारी हुई कि व्यवसाय के माध्यम से भी समाज में एक मुकाम हासिल किया जा सकता है। भ्रमण का यह सत्र भी विद्यार्थियों के लिए एक शानदार अनुभव रहा। विद्यालय के दस विद्यार्थी आज जिंदल प्लांट का भी भ्रमण करने गए थे। उन्हें शिक्षा विभाग की ओर से समूह में ले जाया गया था।
20 मई से 27 मई तक चलने वाले इस आठ दिवसीय समर कैंप का यह दूसरा दिन भी विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ । आज के दिन विद्यार्थियों की भरपूर उपस्थिति रही।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें