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समकालीन हिंदी कहानी में इस बार रमेश शर्मा की कहानी "जो फिर कभी नहीं लौटते"

रमेश शर्मा की कहानी "जो फिर कभी नहीं लौटते"    रेलवे स्टेशन बहुत छोटा था। यदा-कदा पैसेंजर गाड़ियां ही शायद यहां रुका करती होंगी । रात के ठीक बारह बज रहे थे । ठंड का मौसम था। संयोग से उस दिन उस स्टेशन पर उतरने वाला वह एकमात्र यात्री था । आम तौर पर स्टेशन पर चहल-पहल रहती है पर वह स्टेशन उस वक्त एक सुनसान सी जगह लग रही थी । ठंड के मौसम में स्टेशन मास्टर अपने ऑफिस के कमरे में दुबका हुआ था और सिग्नल दिखाने वाला पोटर स्टेशन के एकदम आखरी छोर पर आग जलाकर ताप रहा था । इस स्टेशन पर इतनी रात उतरे भी कौन ? एक तो एकदम गांव से बाहर ऊपर से गांव तक जाने की कोई सुविधा भी नहीं । वह कुछ देर वहीं सुनसान  प्लेटफॉर्म पर टहलता रहा । उसे देखकर अंधेरे से निकल कर कहीं से दो कुत्ते आकर उस पर भौंकने लगे । कुछ देर के लिए वह डर गया कि कहीं काट न दें । फिर हिम्मत कर , उन्हें भगाने के लिए उसने जोर की आवाज निकाली - "तेरी माँ का भाग स्साले ----!" वह कुत्तों पर अचानक भारी पड़ गया मानों कुत्ते भी सोच में पड़ गए हों कि इस गालीबाज के कौन मुंह लगे | कुत्ते तो दूर अंधेरे में कहीं दुबक गए पर उसकी आवाज सुनकर

कहानी: एक छुटती मेट्रो, एक तस्वीर,एक लड़की -- परिधि शर्मा

कथाकार राजेंद्र दानी ,मुकेश वर्मा,प्रभुनारायण वर्मा के साथ मंच पर परिधि शर्मा  कहानी: एक छुटती मेट्रो, एक तस्वीर,एक लड़की -- परिधि शर्मा क भी कभार बहुत बुरी लगने वाली कुछ चीजें अचानक बेहद अच्छी लगने लगती हैं। जैसे घुप्प अंधेरा । आज वह हॉस्पिटल के उस कमरे के बिस्तर पर अकेले अंधेरे में लेटा लेटा दुनिया की बहुत सी तिलस्मी शक्तियों का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रहा था । अंधेरे के भीतर अंधेरा और उसके भीतर छिपे कई और अंधियारों के तिलस्मी चेहरे। प्रश्नों के भीतर प्रश्न ।उसकी नजरें दीवार के उस हिस्से पर जा गडीं जहां पर कमरे के रोशनदान से बरामदे के बल्ब की हल्की सी रोशनी पड़ रही थी। ठीक उसी जगह पर एक परछाई थी । वैसे तो वह परछाई बिस्तर के बगल की मेज पर रखी मिनरल वाटर की एक खाली बोतल की थी , पर फिलहाल उसे वह परछाई कुछ और ही नजर आ रही थी । शायद एक घोड़े की ।उसे लगा कि अभी गोली चलने की एक तेज आवाज आएगी ' धाँय ' और वह घोड़ा सर पट दौड़ जाएगा। अपने पीछे धूल का गुबार छोड़ता हुआ। अपनी पहली कहानी 'वजूद' के संपादक गीत चतुर्वेदी के साथ आयोजन में शामिल परिधि   उसके दाहिनी जांघ में दर्द अभी