'मैं ब्रह्मांड के उस कोने में रुकना चाहती हूँ जहां आत्माओं ने प्रेम गीत गाये हैं' डॉक्टर किरण मिश्रा बहुत पहले से कवितायेँ लिख रही हैं . किरण की कविताओं में मनुष्य जीवन की वे सारी खूबसूरत और अनमोल कल्पनाएँ प्रस्फुटित होती हैं जिसकी प्राप्ति की आकांक्षा में मनुष्य, आजीवन अपने भीतर के मनुष्य को बचाए रखने की कोशिश में लीन रहता है . प्रेम इस ब्रम्हांड की सबसे खूबसूरत कल्पना है और अगर वह जीवन में मिल जाए तो यह कल्पना एक हकीकत में बदल कर जीवन को उस तरह गढ़ने लगती है कि उस गढ़न में सृष्टि एक नया विस्तार पाती है | सृष्टि का विस्तार एक अनंत प्रक्रिया है और यह प्रक्रिया प्रेम के पहिये पर गतिमान होकर ब्रह्माण्ड को खूबसूरत बनाती है . प्रेम को ईश्वर का रूप भी कहा गया है और इस अर्थ में प्रेम, देह से निकली आत्मा भी है जो अमर है और ब्रम्हांड में विस्तार पाता रहता है . किरण की कविताओं में प्रेम और आत्मा के गहरे निहितार्थ हैं जिनका हमारे जीवन में होना ब्रम्हांड का बचे रहना है .एक स्त्री कवयित्री के नजरिये से प्रेम,आत्मा और सृष्टि को देखने की यह कवायद अन्ततः मनुष्य जीवन