सोनाली शेट्टी की कविताएँ सोनाली शेट्टी मूलतः देहरादून की हैं और अंग्रेजी भाषा में लेखन करती हैं। विचारों में खुलेपन के साथ जीवन को अपने ढंग से जीने वाली सोनाली की कविताओं में मनुष्य के भीतर जज्ब संवेदना मुखर रूप में हमसे संवाद करती है। लगभग बातचीत के अंदाज में कविताओं को रच पाने की कला उनके पास है। उनकी कविताओं को पढ़ते हुए जीवन के आसपास बिखरे रंगों को जिसे हम कई बार देख नहीं पाते, सहजता से देख पाते हैं. १.वो बारिशों की बात थी वो बारिशों की बात थी और हम भीगने से डरने की एक्टिंग कर रहे थे। भीग रहे थे खुल कर बेशुमार हद हो गयी थी बेशरमी की मगर रुक नहीं रही थी चाह भीगने की बेशुमार। तुम मैं और बारिशें और साथ सिर्फ ये पहाड़ी रास्ते फिर नहीं आएंगी वो बारिशें वो हद वो वक़्त बस सिर्फ तुम्हरे शर्ट का रंग जो मेरे सफेद सूट पर आज भी लगा है रह गया है और एक संदूक में रखा तुम्हारी ग्रीन शर्ट को याद करता है आज भी । २. चले जाने के बाद (लीना के लिए) उस रोज़ जब तुम्हारी मृत्यु की सूचना मिली मै मॉल में शॉपिंग कर रही थी चेंजिंग रूम में फोन उठाया उस तरफ से आवाज़ आई लीना चली गयी क्या! मगर ... मुझे कल