आज अनुग्रह के पाठकों से हम ऐसे शख्स का परिचय कराने जा रहे हैं जो इन दिनों देश के बुद्धिजीवियों के बीच खासा चर्चे में हैं। आखिर उनकी चर्चा क्यों हो रही है इसको जानने के लिए इस आलेख को पढ़ा जाना जरूरी है।
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किताब: महंगी कविता, कीमत पच्चीस हजार रूपये |
आध्यात्मिक विचारक ओमा द अक् का जन्म भारत की आध्यात्मिक राजधानी काशी में हुआ। महिलाओं सा चेहरा और महिलाओं जैसी आवाज के कारण इनको सुनते हुए या देखते हुए भ्रम होता है जबकि वे एक पुरुष संत हैं । ये शुरू से ही क्रान्तिकारी विचारधारा के रहे हैं । अपने बचपन से ही शास्त्रों और पुराणों का अध्ययन प्रारम्भ करने वाले ओमा द अक विज्ञान और ज्योतिष में भी गहन रुचि रखते हैं। इन्हें पारम्परिक शिक्षा पद्धति (स्कूली शिक्षा) में कभी भी रुचि नहीं रही । इन्होंने बी. ए. प्रथम वर्ष उत्तीर्ण करने के पश्चात ही पढ़ाई छोड़ दी किन्तु उनका पढ़ना-लिखना कभी नहीं छूटा। वे हज़ारों कविताएँ, सैकड़ों लेख, कुछ कहानियाँ और नाटक भी लिख चुके हैं। हिन्दी और उर्दू में उनकी लिखी अनेक रचनाएँ हैं जिनमें से कुछ एक देश-विदेश की कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। ओमा द अक ने कई लघु फ़िल्में, वृत्तचित्र और संगीत विडियोज भी बनाये हैं जो अलग-अलग विषयों पर हैं। उन्होंने जे.एन.यू. समेत कई शिक्षण संस्थाओं में अनेक दार्शनिक विषयों पर छात्रों को संबोधित किया है। उनकी दृष्टि मानव जीवन के अनेक पक्षों पर निरन्तर बनी रही है जिसके परिणामस्वरूप उनकी ओर से कई प्रकार के आध्यात्मिक सामाजिक अभियानों की भी शुरुआत की गई है। उन अभियानों में अक्चरित्र यात्रा, कैरेक्टर ट्री अवार्ड, हम भारत हैं अभियान, जागृत मतदाता मंच, भारत अगेंस्ट अब्यूज, मातृभाषा अभियान, ग्रामश्री योजना, मंदिर चलो अभियान, हरियाली काशी मतवाली काशी, चिराग़-ए-दैर सम्मान इत्यादि प्रमुख हैं । उनके अनेक आध्यात्मिक सामाजिक कार्यों और ज्योतिष के क्षेत्र में योगदान को देखते हुए उत्तरप्रदेश सरकार ने 2016 में उन्हें उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "यश भारती" प्रदान किया है । उनकी फोटोग्राफी में भी गहरी रुचि है जिसकी एक झलक महंगी कविता नामक उनकी पुस्तक में है । महंगी कविता उनकी पहली प्रकाशित किताब है जिसकी कीमत ₹25000 पच्चीस हजार रुपये है और यह किताब वाणी प्रकाशन दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया है जो इन दिनों पाठकों के बीच खासा चर्चा में है।विज्ञापन
आपकी वाणी सत्य हो और मुझ जैसे भटके हुए राही का पथ प्रदर्शन हो।
जवाब देंहटाएंमां सरस्वती का वास आपकी वाणी में और सदैव बना रहे।
जवाब देंहटाएंAaj se mai aapko roj sunna chahungi.....🙏😊
जवाब देंहटाएंApp jo bol rhe ho ,
जवाब देंहटाएंEisa lagata hi kudh bhagwan
Krishna ji bol rahe hai
Very nice and thank you
आप उन महान विभूतियों में से एक हैं जिनकी वाणी में स्वयं मां सरस्वती विराजती हैं, आप ईश्वर के द्वारा मानव समाज को दिए गये एक ऐसे व्यक्तित्व, वरदान, उपचार हैं जो अपने ज्ञान से मानव के अंदर मानवता का प्रकाश जगाते हैं
जवाब देंहटाएंईश्वर से प्रार्थना है कि सदैव माँ सरस्वती आपकी जिव्हा पर विराजमान रहें जिससे आपके जैसे विभूति के द्वारा मानव समाज का कल्याण होता रहे l
धन्यबाद l
प्रणाम l