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कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा को सत्याग्रह आंदोलन की नहीं मिली अनुमति। कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने निकाला ज्ञापन मार्च

रायपुर छत्तीसगढ़। 4% डीए सहित 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 6 मार्च को राजधानी रायपुर में सीमित संख्या में भी सत्याग्रह आंदोलन करने की अनुमति कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा को नहीं मिलने से कर्मचारियों में नाराजगी दिखी…। संयुक्त मोर्चा ने निकाला ज्ञापन मार्च… जिसमें मोर्चा के घटक संगठनों के प्रतिनिधि हुए शामिल…, पढ़िए 14 सूत्रीय मांग एवं ज्ञापन मार्च स्थल की जानकारी….

रायपुर (06 मार्च 2024) :

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा 4% डीए सहित 14 सूत्रीय मांगो को लेकर 6 मार्च को राजधानी रायपुर में सत्याग्रह आंदोलन के तहत धरना प्रदर्शन करना चाहता था जिसकी अनुमति पुलिस प्रशासन द्वारा नहीं दी गई। इसलिए रणनीति बदलते हुए  संयुक्त मोर्चा के समस्त घटक संगठनों के कर्मचारी प्रतिनिधि दोपहर 12 बजे नल घर चौक पर एकत्रित हुए तथा पैदल ज्ञापन मार्च निकालते हुए आंबेडकर चौक पहुंचे। दोपहर 1:30 बजे कलेक्ट्रेट जाकर मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपा गया।

बता दें कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को 4% देय तिथि से महंगाई भत्ता सहित 14 सूत्रीय मांगो को लेकर आगामी 6 मार्च को राजधानी रायपुर में एक दिवसीय सत्याग्रह आंदोलन करने का अल्टीमेटम मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत एवं छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह के संयुक्त हस्ताक्षर से 21 फरवरी को दिया गया था।

संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा धरना स्थल बूढ़ा तालाब रायपुर में सत्याग्रह आंदोलन की अनुमति नहीं मिलने के कारण कार्यक्रम में आंशिक परिवर्तन करते हुए सत्याग्रह करने वाले समस्त कर्मचारी प्रतिनिधि दोपहर 12 बजे नल घर चौक पर एकत्रित हुए तथा पैदल मार्च करते हुए आंबेडकर चौक पहुचे तथा दोपहर 1:30 बजे कलेक्ट्रेट जाकर मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपा गया।

छत्तीसगढ़ राज्य में सत्ता परिवर्तन में राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों की अहम भूमिका थी किंतु बजट सत्र में सरकार के द्वारा कर्मचारियों से वादे के रूप में दी गई मोदी की गारंटी के तहत कोई भी बजट राशि का प्रावधान तथा आज पर्यंत महंगाई भत्ता की घोषणा नहीं होने के कारण प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों में निराशा है। कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के ज्ञापन में प्रदेश के चतुर्थ वर्ग से लेकर सभी वर्ग कर्मचारियों, एलबी संवर्ग सहित शिक्षकों, लिपिकों, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों तथा पेंशनरों की प्रमुख मांगों को समाहित किया गया है।

संयुक्त मोर्चा की प्रमुख मांगे : केंद्र के समान देय तिथि से 4% डीए, जनवरी 2018 से समय समय पर दिए गए महगाई भत्ता के लंबित एरियर्स का जी पी एफ खाते में संयोजन, सातवे वेतनमान की अंतिम क़िस्त का नकद भुगतान, सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत आयु 65 वर्ष करने, 4 स्तरीय वेतनमान, एसके मिश्रा की अध्यक्षता में गठित आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, पुरानी पेंशन योजना का लाभ के लिए एल बी संवर्ग के शिक्षको की प्रथम नियुक्ति तिथि से गणना, उत्तर प्रदेश के योगी सरकार की तरह समस्त कर्मचारियो एवं पेंशनरों को 5 लाख रूपये तक कैशलेश चिकित्सा योजना, सभी कर्मचारियों को पांच सौ रुपए प्रतिमाह मोबाइल भत्ता, समस्त विभागो में कार्यरत संविदा एवं चतुर्थ श्रेणी के कार्य भरित, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण, तीन सौ दिन के बराबर अर्जित अवकाश का नकदीकरण,समस्त विभागो में सीधी भर्ती एवं पदोनती के रिक्त पदों पर एक निर्धारित समय सीमा में भर्ती तथा पदोन्नति,तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति में दस प्रतिशत की सीलिंग हटाने, पांचवे एवं छठवें वेतनमान के आधार पर निर्धारित सभी प्रकार के भत्तों का पुनरीक्षण तथा मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ के पेंशनरों के लिए राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को विलोपित करने की मांग को सम्मिलित किया गया है।

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