जीवन में वैचारिक मूल्यों को जीवित रखने के लिए कला साहित्य के साथ साथ रंगमंच की एक बहुत बड़ी भूमिका है।रंगमंच के महत्त्व को बचाए रखना आज एक बड़ी जरूरत है । यह एक ऎसी प्रदर्शन कारी कला है जो आदिकाल से लोगों को जगाने का काम करती रही है। कहते हैं आज के बाजारू समय में वैचारिक मूल्यों के लिए बाज़ार ने बहुत कम जगह छोड़ा है। सोशल मीडिया के समय में ज्यादातर युवा साहित्य कला रंगमंच जैसी जीवन मूल्यों को सृजित करने वाली कलाओं से दूर होकर रील बनाने में रात दिन व्यस्त हैं । चाहे फेसबुक हो चाहे इन्स्टाग्राम , वहां हम देखते हैं कि आज के युवा लड़के लड़की फिल्मी गानों में एक्टिंग करते हुए बहुत फूहड़ ढंग से शोर्ट वीडियो शेयर कर रहे हैं । बाज़ार ने आज उन्हें उस जगह खड़ा कर दिया है जैसे कि रील बनाकर ही जीवन गुज़ारा जा सकता है । उनके दिमाग में यह चीज बाज़ार ने बिठा दिया है कि इससे पैसे कमाए जा सकते हैं । इसी धुन में जीवन के महत्वपूर्ण समय को जाया करते हुए उन्हें देखा जा सकता है । हजारों में किसी एक दो ने पैसे कमा लिए, इसका मतलब यह तो नहीं कि इस अंधी दौड़ में हर कोई उर्फी जावेद की राह पकड़ ले । दरअसल यह रास्ता जीवन में विचारों से विदाई का रास्ता है जहां आगे चलकर निराशा कुंठा डिप्रेशन जैसी बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है । आज का युवा एकदम शोर्ट कट का रास्ता अपनाना चाहता है इसलिए उसके जीवन में जल्दी अन्धेरा भी छाने लगता है ।
रंगमंच जैसी कलाएँ युवाओं को इन अंधकूप जैसे रास्तों से बचाकर उन्हें जीवन में सही राह पकड़ने की सीख देती हैं।
हमारे शहर रायगढ़ में इप्टा रायगढ़ द्वारा हर वर्ष राष्ट्रीय नाट्य समारोह संपन्न होता है जिसमें युवाओं के साथ साथ बच्चों की गहरी रूचि शहर के लोगों को आश्वस्त करती है । गंभीर और वैचारिक मुद्दों पर केन्द्रित नाटकों को देखकर रंगमंच के महत्व को यह शहर बखूबी समझता है । लोगों द्वारा बढ़चढ़ कर ली गयी सहभागिता एवं सहयोग इसका प्रमाण है।बहुत से युवाओं को इप्टा रायगढ़ ने एक रचनात्मक दिशा प्रदान करने में बड़ा योगदान भी दिया है।
मैं बचपन में ओड़िशा से आये नाटक मंडलियों, जिन्हें ओपेरा पार्टी कहा जाता था , के नाटक बहुत देखा करता था । गाँव गाँव में हर बड़े अवसरों पर ये ओपेरा पार्टियां आती थीं और लोगों का एक हुजूम उनके नाटक देखने को उमड़ पड़ता था । ये लगभग चालीस साल पहले की बातें हैं । अब वह दौर गाँवों में देखने को नहीं मिलता । बाज़ार ने ओडिशा के उन ओपेरा पार्टियों के लिए ऎसी परिस्थितियाँ पैदा कर दीं कि उन्हें यह रास्ता ही छोड़ना पड़ा। फिर ओड़िसा में भी बहुत कम ओपेरा नाटक पार्टियां बची रह गयीं । इस तरह लोक जीवन से विचार , विवेक और बुद्धि को एक एक कर विदा करने का एक दौर जैसे शुरू हो गया।
इस संक्रमण काल में रंगमंच के महत्व को उजागर करने के लिए ही 27 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व रंगमंच दिवस मनाया जाता है। रंगमंच मनोरंजन प्रदान करने के अलावा लोगों को शिक्षित और प्रेरित करता है। कॉमेडी, मनोरंजन और सामाजिक मुद्दों जैसे कई विषयों पर जब नाटकों का मंचन किया जाता है तो इसका गहरा असर लोगों के दिलो दिमाग पर पड़ता है । विश्व रंगमंच दिवस का उद्देश्य लोगों के जीवन में रंगमंच के महत्व को लेकर उनमें जन जागरूकता बढ़ाना है।
विश्व रंगमंच दिवस आम तौर पर रंगमंच की शक्ति और लोक जीवन को बदलने और उन्नत करने की क्षमता का उत्सव भी है।
World theatre day विश्व रंगमंच दिवस
विश्व रंगमंच दिवस पहली बार 1961 में अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (ITI) द्वारा मनाया गया था। आईटीआई एक वैश्विक संगठन है जो यूनेस्को के सिद्धांतों का समर्थन करता है और अंतरराष्ट्रीय रंगमंच कला आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है। विश्व रंगमंच दिवस का प्रस्ताव फिनलैंड के हेलसिंकी में संगठन के नौवें वैश्विक कांग्रेस में आईटीआई के संस्थापक अरवी किविमा द्वारा दिया गया था।
प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया और 27 मार्च, 1962 को पहला विश्व रंगमंच दिवस मनाया गया। विश्व रंगमंच दिवस प्रतिवर्ष 27 मार्च को रंगमंच कलाओं को बढ़ावा देने और हमारे जीवन में उनके महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। समग्र थिएटर की गतिविधियों, प्रदर्शनियों और स्टूडियो की व्यवस्था के लिए इस दिन की सराहना की जाती है।
विश्व रंगमंच दिवस 2023 क्या कहता है
विश्व रंगमंच दिवस 2023 एक महत्वपूर्ण उत्सव है क्योंकि यह हमारे जीवन में रंगमंच के महत्व पर ध्यान देता है। एक कला का सुन्दर रूप जो मनोरंजक होने के अलाव लोगों को शिक्षित कर उन्हें प्रेरणा भी देता है, वही 'थिएटर' कहलाता है। यह कलाकारों को जीवन के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने में सक्षम बनाता है और रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए उन्हें एक मंच भी प्रदान करता है।
रंगमंच न केवल सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करता है बल्कि सामाजिक मुद्दों के बारे में लोगों के भीतर जागरूकता भी बढ़ाता है | नाटकों के माध्यम से लोगों के भीतर सहानुभूति और समझ को बढ़ाया जा सकता है इस बात को रंगमंच ने सिद्ध भी किया है । यह व्यक्तियों के दृष्टिकोण को वैचारिक रूप देने में सहायता करता है साथ ही संवाद और चर्चा के लिए एक मंच भी प्रदान करता है | इसके माध्यम से युवाओं में जीवन कौशल को विकसित किया जा सकता है |
विश्व रंगमंच दिवस 2023 का थीम क्या है -
अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान ने विश्व रंगमंच दिवस 2023 की थीम के रूप में "रंगमंच और शांति की संस्कृति" को चुना है |
विश्व रंगमंच दिवस 2023 पर कुछ ख़ास लोगों की शुभकामनाएँ और जरुरी संदेश
• सभी लोगों को थिएटरों की अनूठी और विशेष गुणवत्ता का अनुभव और सराहना करनी चाहिए। उन्हें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि मनोरंजन के कई विकल्पों के बावजूद थिएटर कितना खास और खूबसूरत है। अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच दिवस की शुभकामनाएं!
• जीवन एक थियेटर सेट है जिसमें कुछ व्यावहारिक प्रवेश द्वार हैं: विक्टर ह्यूगो।
• एक रंगमंच, साहित्य, एक कलात्मक अभिव्यक्ति जो अपने समय के लिए नहीं बोलती उसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है: डारियो फो।
• प्रदर्शन के स्तर और थिएटर के समग्र वातावरण को शब्दों में वर्णित करना असंभव है; कोई उन्हें जीवन में केवल अनुभव कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच दिवस की शुभकामनाएं।
• क्योंकि आप थिएटर में अपना वेश नहीं बदल सकते, आपको आप जैसा होना चाहिए।
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