शिक्षिका सोना साहू क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान सम्बन्धी केस का हुआ निपटारा। बिलासपुर हाइकोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार के आला अफसर रहे मौजूद
क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर शिक्षिका सोना साहू के मामले में राज्य शासन ने हाईकोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता शिक्षिका को क्रमोन्नत वेतनमान के तहत 8 लाख 59 हजार 958 रुपये का भुगतान कर दिया गया है। सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान के भुगतान के साथ ही छत्तीसगढ़ के डेढ़ लाख शिक्षकों में उम्मीद जगी है , पर यह रास्ता उतना आसान नहीं है। इसके लिए फिर से न्यायालय का रास्ता तय करना पड़ सकता है।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज की शिक्षिका सोना साहू के लिए मंगलवार का दिन खुशियों भरा रहा। छत्तीसगढ़ शासन ने हाईकोर्ट को बताया कि सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान के एरियर्स की राशि का भुगतान कर दिया गया है।राशि भुगतान की जानकारी मिलते ही प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षकों के भीतर क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं। हालांकि यह रास्ता दिल्ली दूर है कि तर्ज पर बहुत लंबा है और अनेक शिक्षकों के क्रमोन्नत वेतनमान सम्बन्धी आवेदन अस्वीकृत हुए हैं। तब भी उनके सामने उम्मीद जगी है कि देर सवेर न्यायालय के माध्यम से ही सही, सोना साहू की तर्ज पर उन सभी को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ एक दिन मिलेगा।आज मंगलवार 6 मई को जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के अलावा पंचायत विभाग के आला अफसर वहाँ मौजूद थे। याचिकाकर्ता को क्रमोन्नत वेतनमान के तहत किए गए भुगतान सम्बन्धी दस्तावेज उनकी ओर से न्यायालय में पेश किये गए।
हाइकोर्ट में राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने पंचायत विभाग द्वारा याचिकाकर्ता शिक्षिका सोना साहू को किए गए भुगतान के संबंध में पूरी जानकारी दी व दस्तावेज भी कोर्ट के समक्ष पेश किया। सोना साहू के बैंक अकांउट में पंचायत विभाग की ओर से क्रमोन्नत वेतनमान के तहत 8 लाख 59 हजार 958 रुपये के भुगतान सम्बन्धी कापी भी कोर्ट को सौंपी गयी।
राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी एसएलपी जो खारिज हो गयी थी-
बिलासपुर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी स्पेशल लीव पिटिशन दायर किया था। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य शासन की एसएलपी को खारिज कर दिया था। शासन की एसएलपी खारिज होने के बाद से ही माना जा रहा था कि सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ शासन को देना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ सरकार की एसएलपी खारिज होने के बाद प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षकों की आस भी जग गई थी।
भविष्य में भुगतान के लिए राज्य सरकार को सात हजार करोड़ रूपये की करनी पड़ेगी व्यवस्था
राज्य सरकार को छत्तीसगढ़ के तकरीबन एक लाख शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ देना होगा। इसके लिए सात हजार करोड़ का इंतजाम करना होगा। हाई कोर्ट में मंगलवार को राज्य शासन की ओर दी गई जानकारी के बाद शिक्षकों में खुशियों जैसा माहौल है। वहीं राज्य सरकार के सामने एक बड़ा संकट भी उठ खड़ा हुआ है। सरकार इस आर्थिक संकट से कैसे उबरेगी और कैसे इतनी बड़ी राशि का इंतजाम होगा यह भी आगे देखने वाली बात होगी
क्रमोन्नत वेतनमान की पात्रता किन्हें होगी-
वह सभी शिक्षक जो पहले शिक्षाकर्मी के रूप में नियुक्त हुए और बाद में जिनका पदनाम परिवर्तित हुआ है।जिन्होंने एक ही पद पर 10 साल से अधिक सेवा पूर्ण कर लिया। ऐसे सभी शिक्षकों को एक क्रमोन्नत वेतनमान मिलेगा। ऐसे शिक्षक जिन्होंने एक ही पद पर रहते हुए 20 साल की सेवा पूर्ण की उन्हें दो क्रमोन्नत वेतनमान की पात्रता होगी । उदाहरण के लिए कोई व्याख्याता पद पर 1998 में भर्ती हुआ और 2018 तक उसे पदोन्नति नहीं मिली तो सीधे तौर पर उसे दो क्रमोन्नति की पात्रता है ।
क्रमोन्नत वेतनमान पाने वाले शिक्षकों की संख्या को लेकर अटकलबाजी का दौर शुरू-
प्रदेश में संविलियन होने वाले शिक्षकों की कुल संख्या 1,48,000 है। शिक्षकों का यह आंकड़ा छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत जानकारी के अनुसार है। प्रदेश में 1,30,000 से भी अधिक शिक्षाकर्मियों की भर्ती वर्ष 2014 तक हो चुकी थी। यदि कोई शिक्षक 2014 में भी भर्ती हुआ है और उसे प्रमोशन नहीं मिला है तो ऐसे शिक्षक भी 2024 में क्रमोन्नत वेतनमान के पात्र होंगे ।
अब कोर्ट का आदेश हो गया है आगे महत्वपूर्ण-
हाई कोर्ट के निर्णय में पंचायत और स्कूल शिक्षा विभाग दोनों को क्रमोन्नति की राशि देने का आदेश जारी किया गया है। इसका स्पष्ट अर्थ है कि दोनों सेवाकाल को क्रमोन्नत वेतनमान के लिए जोड़ा गया है। अधिकांश शिक्षाकर्मी जो अब शिक्षक बन चुके हैं वे सभी क्रमोन्नत वेतनमान के हकदार हैं । जिन शिक्षाकर्मियों को किसी भी प्रकार का प्रमोशन नहीं मिला या जिन्हें प्रमोशन मिला लेकिन प्रमोशन मिलने से पहले 10 साल उनके पूर्ण हो चुके थे वे सभी क्रमोन्नत वेतनमान पाने के हकदार हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें शासन को लाभ देना होगा और बहुत से शिक्षक तो ऐसे हैं जिन्हें दो क्रमोन्नत वेतनमान मिलना है ।
भविष्य में सरकार के खजाने पर कितना आएगा भार-
सरकार के खजाने पर क्रमोन्नत वेतनमान देने से बड़ा भार आने वाला है। यही वजह है कि यह माना जा रहा है कि सरकार के पास जितने भी विकल्प हैं वह सभी विकल्पों को आजमा कर देखेगी। एक शिक्षक को यदि 10 लाख रुपए भी क्रमोन्नत वेतनमान के तौर पर देना पड़े जैसा कि सोना साहू के प्रकरण में गणना हुई थी और 70 हजार शिक्षकों को भी यह राशि देनी पड़े तो सीधे तौर पर 7 हजार करोड़ का भार आएगा। जबकि माना जा रहा है कि वास्तविक एरियर्स राशि इससे भी कही अधिक होगी।
क्या है साेना साहू का पूरा मामला-
सोना साहू ने क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सोना साहू ने अपनी याचिका में बताया था कि वर्ष 2005 में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई थी। एक ही पद पर 10 साल से काम करने के बाद भी क्रमोन्नत वेतनमान नहीं दिया गया था। इसे लेकर सोना साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश के बाद सीईओ जनपद पंचायत ने क्रमोन्नत वेतनमान का सोना साहू को लाभ दिया और फिर वापस भी ले लिया। इसे लेकर सोना साहू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच ने याचिका खारिज कर दी थी। सीईओ के आदेश को कोर्ट ने सही ठहराया था। सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए सोना साहू ने रिट याचिका दायर की। डिवीजन बेंच ने याचिका को स्वीकार करते हुए 2015 से क्रमोन्नत वेतनमान का निर्देश दिया। शासन ने रिव्यू पिटीशन दायर किया था। इसे कोर्ट ने रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में शासन ने एसएलपी दायर की थी।
ऐसे समझे, किस तरह मिलेगा लाभ-
१.जो शिक्षक एक ही पद पर 10 साल की नौकरी पूरा कर लिया है क्रमोन्नत वेतनमान के पात्र होंगे।
२.सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राज्य शासन को पालन करना होगा।
३.राज्य शासन ने सामान्य आदेश जारी कर सकता है। या ऐसे भी आदेश जारी कर सकता है कि जिनके पक्ष में कोर्ट का फैसला आया है उनको लाभ दिया जाएगा।
सोना साहू को इतनी राशि का हुआ भुगतान जिसकी दी गयी जानकारी-
सोमवार 5 मई को बीईओ शिक्षा कार्यालय रामानुजगंज ने ने सोना साहू के बैंक अकाउंट में राशि जमा करा दी है। कुल राशि 8 लाख 59 हजार 958 रुपये जमा किया है। इसमें सीजी पीएफ की राशि 1 लाख 17 हजार 267 रुपये भी शामिल है।
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