छत्तीसगढ़ विधान सभा के ‘‘रजत जयंती वर्ष "पर मान. राष्ट्रपति महोदया का विधानसभा आगमन - मान. राष्ट्रपति महोदया ने किया विधान सभा के मान. सदस्यों को सम्बोधित
छत्तीसगढ़
विधान सभा के ‘‘रजत जयंती वर्ष "पर मान. राष्ट्रपति महोदया का विधानसभा आगमन
- मान. राष्ट्रपति महोदया ने किया विधान सभा के मान. सदस्यों को सम्बोधित
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राष्ट्रपति महोदया का सम्मान करते हुए अध्यक्ष डॉ रमन सिंह |
छत्तीसगढ़ विधान सभा के “रजत जयंती वर्ष” के अवसर पर माननीया श्रीमती द्रौपदी मुर्मु भारत की राष्ट्रपति ने आज विधानसभा के सदन में प्रदेश के मान. विधायकों को संबोधित किया। मान. राष्ट्रपति ने इस अवसर पर सेन्ट्रल हॉल के सामने “कदम्ब” का पौधा लगाया। इस अवसर पर माननीया राष्ट्रपति जी के साथ छत्तीसगढ विधान सभा के सभी मान. सदस्यों का सेन्ट्रल हॉल में समूह छायाचित्र भी हुआ। इस अवसर पर मान. राज्यपाल श्री रमेन डेका, मान. विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मान. मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, मान. नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, मान. संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप, विधान सभा सचिव श्री दिनेश शर्मा, मान. राष्ट्रपति के सचिव श्रीमती दीप्ती उमाशंकर एवं राज्यपाल के सचिव श्री डॉ. सी. आर. प्रसन्ना आदि उपस्थित थे।
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सभा को संबोधित करतीं हुई राष्ट्रपति महोदया |
मान. राष्ट्रपति महोदया इसके पश्चात् चल समारोह के साथ छत्तीसगढ विधान सभा के सभा गृह में पहुंची एवं वहाँ उन्होंने छत्तीसगढ़ विधान सभा के मान. सदस्यों को संबोधित किया। इस अवसर पर मान. राज्यपाल श्री रमेन डेका ने ‘‘सदस्य संदर्भ’’ पुस्तक का विमोचन किया एवं इस पुस्तक की प्रथम प्रति मान. श्रीमती द्रौपदी मुर्मु भारत की राष्ट्रपति को भेंट की।
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राष्ट्रपति महोदया का सम्मान करते हुए राज्यपाल रमेन डेका |
मान. राष्ट्रपति महोदया ने अपनी भाषण की शुरूआत छत्तीसगढ़ विधान सभा के पच्चीसवें वर्ष के उत्सव की गाड़ा-गाड़ा बधाई के साथ की ।
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राष्ट्रपति महोदया का सम्मान करते हुए मुख्य मंत्री विष्णु देव साय |
उन्होंने कहा ‘छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया’। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधान सभा ने लोकतान्त्रिक परम्पराओं के उच्चतम मानक स्थापित किए हैं। छत्तीसगढ़ विधान सभा ने सदन की कार्रवाई के दौरान गर्भगृह में आ जाने वाले सदस्यों के स्वमेव निलंबन का असाधारण नियम बनाया तथा उसका पालन किया है।
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राष्ट्रपति महोदया का सम्मान करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत |
25 वर्षों के दौरान कभी भी मार्शल का उपयोग नहीं करना पड़ा। छत्तीसगढ़ विधान सभा ने केवल शेष भारत ही नहीं बल्कि विश्व की सभी लोकतांत्रिक प्रणालियों के सामने श्रेष्ठ संसदीय आचरण का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है।
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राष्ट्रपति महोदया का सम्मान करते हुए विधान सभा सचिव दिनेश शर्मा |
उन्होंने महिला विभूति मिनी-माता का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि
लोगों के कल्याण और उत्थान के लिए उनके द्वारा किये गये निरंतर कार्य को याद किया।
उन्होंने कहा कि-इस सदन के सभी विधायकों को, विशेषकर महिला विधायकों को, यह प्रयास करना चाहिए कि अगली विधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी हो। महिला विधायकों की संख्या में वृद्धि, ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ की भावना के अनुरूप होगी।
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सदन में सदस्यों के साथ समूह चित्र |
उन्होंने कहा कि-छत्तीसगढ़ विधान सभा ने समावेशी कल्याण एवं विकास के
लिए अनेक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए हैं। रूढ़ियों पर आधारित प्रताड़ना से समाज को, विशेषकर महिलाओं को, मुक्त करने का अधिनियम समाज
को छत्तीसगढ़ विधान सभा का एक ऐतिहासिक योगदान है।
उन्होंने कहा कि-वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य अंतिम और निर्णायक दौर में पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोग विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ को उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त करने के प्रयास में आप सब शीघ्र ही सफलता प्राप्त करेंगे ।
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विधान सभा परिसर में कदम्ब का पेड़ रोपती हुई राष्ट्रपति महोदया |
उन्होने कहा कि-गुरु घासीदास जी का ‘मनखे-मनखे एक समान’ अर्थात ‘सभी
मनुष्य एक समान हैं’ का आदर्श आज भी विद्यमान है।
इसके पूर्व अपने स्वागत संबोधन में विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह
ने कहा कि- छत्तीसगढ़ विधानसभा में यह तीसरा अवसर है जब सभा के माननीय सदस्यों को
सम्बोधित करने हेतु भारत के राष्ट्रपति जी का विधानसभा में आगमन हुआ है। सबसे
प्रथम भारतरत्न राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने द्वितीय
विधानसभा के कार्यकाल में सभा को सम्बोधित किया पश्चात् तृतीय विधानसभा के
कार्यकाल में मान. राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी पाटिल जी का आगमन हुआ था।
विधानसभा आगमन के इन तीनों अवसरों का उन्हें साक्षी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ
है। उन्होने कहा कि-वर्तमान वर्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा की स्थापना रजत जयंती वर्ष है।
और मै यह बताते हुए गौरवान्वित महसूस कर हूँ कि विगत 25 वर्षों में छत्तीसगढ़
विधानसभा ने संसदीय परम्पराओं और प्रक्रियाओं के पालन कर अपने कार्यां से
लोकतान्त्रिक मूल्यों को
सुदृढ़ता प्रदान की है। छत्तीसगढ़ राज्य की विधान सभा ने नवम्बर 2005 में अखिल भारतीय पीठासीन
अधिकारियों एवं सचिवों का सम्मेलन एवं वर्ष 2010 में चतुर्थ भारत एवं एशिया क्षेत्र राष्ट्रकुल
संसदीय सम्मेलन आयोजित कर संसदीय परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।
छत्तीसगढ़ विधान सभा ने अनेक महत्त्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया है।
जिसमें वर्ष 2005 में
मातृशक्ति के सम्मान को सुरक्षित रखने की दृष्टि से टोनही प्रताड़ना निवारण, वहीं वर्ष 2011 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा
गारन्टी विधेयक पारित हुआ, वर्ष 2012 में खाद्य सुरक्षा विधेयक
पारित कर पूज्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की अंत्योदय विकास की विचारधारा को
व्यवहारिक स्वरूप प्रदान किया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि यहां पक्ष-प्रतिपक्ष
के माननीय सदस्यों के मध्य प्रत्येक परिस्थिति में समादर और संसदीय आचरण का भाव
सदैव विद्यमान रहा है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा संसदीय प्रक्रियाओं और परम्पराओं को प्रोत्साहित
करने हेतु कृत संकल्पित है।
उन्होंने यह भी कहा कि-मान. राष्ट्रपति महोदया जी मै आपको यह भी अवगत
कराना चाहूंगा कि वर्तमान भवन राज्य बनने के पश्चात् सभा संचालन हेतु हमारी
वैकल्पिक व्यवस्था है। हमारी यह विधानसभा शीघ्र ही नया रायपुर स्थित नवीन विधानसभा
भवन में स्थानांतरित होगी। इस विधानसभा की सुखद स्मृतियों में एक पृष्ठ और जुड़ गया
जब आप अपनी व्यस्ततम दिनचर्या के मध्य हमारे आमंत्रण को स्वीकार करते हुए सभा के
सदस्यों को सम्बोधित करने हेतु कृपा पूर्वक सहमति प्रदान की।
इस अवसर पर अपने उदबोधन में मान. राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा
कि-छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अपनी 25
वर्ष की इस यात्रा में संसदीय परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों को
परिभाषित एवं संवाहित किया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने गर्भगृह ने प्रवेश पर स्वमेव
निलंबन का नियम बनाया है जो अनुकरणीय है। इन 25 वर्षों छत्तीसगढ़ विधान सभा ने न केवल लोक हितकारी कानून बनाये वरण
राज्य के हर कोने तक समृद्धि एवं न्याय पहुंचाने का कार्य किया है। राज्य की
नीतियों एवं कार्यक्रमों ने राज्य को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृति रूप से सशक्त किया है। आज छत्तीसढ़ देश का स्टील
और ऊर्जा उत्पादक राज्य है। छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है।
इस अवसर पर मान. मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में
कहा कि- छत्तीसगढ़ राज्य और छत्तीसगढ़ की विधानसभा अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा हैं।
वर्ष 2000 में
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़
राज्य का निर्माण किया। संयोग से यह वर्ष उनका जन्म शताब्दी वर्ष भी है। इसे हम
अटल निर्माण वर्ष के रूप में भी मना रहे हैं। हमारी विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा लोकतंत्र
की सुदृढ़ परंपराओं का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि-लोकतंत्र की जड़ें भारत में वैदिक काल से ही मजबूत
रही हैं, और हम सब
सौभाग्यशाली हैं कि हमें प्रदेश की जनता की सेवा करने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा कि-संसदीय परंपराओं को सहेजने एवं इनके संवर्धन में
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बहुत अच्छा काम किया है। हम सभी मिलकर विकसित भारत और विकसित
छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं।
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी मान. राष्ट्रपति
जी को विधान सभा के रजत जयंती वर्ष में आगमन एवं मान. सदस्यों को सबंधित करने के
लिए उनका आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मान. श्रीमती द्रौपदी मुर्मु भारत की राष्ट्रपति को सदन
में मान. राज्यपाल श्री रमेन डेका, मान. विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मान. मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, मान. नेता प्रतिपक्ष डॉ.
चरणदास महंत ने साल श्रीफल, एवं
स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
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