परिधि को रज़ा फाउंडेशन ने श्रीकांत वर्मा पर एकाग्र सत्र में बोलने हेतु आमंत्रित किया "युवा 2024" के तहत इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में आज है उनका वक्तब्य
परिधि को रज़ा फाउंडेशन ने श्रीकांत वर्मा पर एकाग्र सत्र में बोलने हेतु आमंत्रित किया
"युवा 2024" के तहत इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में आज है उनका वक्तब्य
रज़ा फाउंडेशन समय समय पर साहित्य एवं कला पर बड़े आयोजन सम्पन्न करता आया है। 27 एवं 28 मार्च को पुरानी पीढ़ी के चुने हुए 9 कवियों धर्मवीर भारती,अजितकुमार, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना,विजयदेवनारायण शाही,श्रीकांत वर्मा,कमलेश,रघुवीर सहाय,धूमिल एवं राजकमल चौधरी पर एकाग्र आयोजन रखा गया है।दो दिनों तक चलने वाले 9 सत्रों के इस आयोजन में पांचवा सत्र श्रीकांत वर्मा पर एकाग्र है जिसमें परिधि शर्मा को बोलने हेतु युवा 2024 के तहत आमंत्रित किया गया है जिसमें वे आज शाम अपना वक्तव्य देंगी।
इस आयोजन के सूत्रधार मशहूर कवि आलोचक अशोक वाजपेयी जी हैं जिन्होंने आयोजन के शुरुआत में युवाओं को संबोधित किया।
युवाओं को संबोधित करते हुए अशोक वाजपेयी |
कौन हैं सैयद हैदर रज़ा
सैयद हैदर रज़ा का जन्म 22 फ़रवरी 1922 को मध्य प्रदेश के मंडला में हुआ था और उनकी मृत्यु 23 जुलाई 2016 को हुई थी। वे एक प्रतिष्ठित चित्रकार थे। उनके प्रमुख चित्र अधिकतर तेल या एक्रेलिक में बने परिदृश्य हैं जिनमें रंगों का अत्यधिक प्रयोग किया गया है तथा जो भारतीय ब्रह्माण्ड विज्ञान के साथ-साथ इसके दर्शन के चिह्नों से भी परिपूर्ण हैं। एस. एच. रज़ा सन 1950 के बाद से फ़्राँस में रहने लगे थे, लेकिन भारत और यहाँ की संस्कृति के साथ वे हमेशा मजबूती से जुड़े रहे। जून, 2010 में जब उनकी एक पेंटिंग 16.42 करोड़ में बिकी थी, जो खासी चर्चा में रही। यह सिलसिला आगे भी जारी रहा और उनके कई पेंटिंग्स की कीमत करोड़ों में कला प्रेमियों ने आंका और उसे खरीदा भी। करीब छह दशक का वक्त फ़्राँस में गुजारने के बाद भी भारतीय संस्कृति को दिल में सहेजकर रखने वाले वरिष्ठ चित्रकार सैयद हैदर रज़ा का कहना था कि- "उन्हें भारतीय संस्कृति की विविधता से चित्र बनाने की प्रेरणा मिलती है"।
रज़ा फाउंडेशन' की स्थापना
सन 2000 के आस-पास रज़ा की कला ने एक नई करवट ली, जब उन्होंने भारतीय अध्यात्म पर अपने विचारों को व्यक्त करना शुरू किया। इसका परिणाम था कुंडलिनी, नाग और महाभारत के विषयों पर आधारित चित्र। एस. एच. रज़ा ने भारतीय युवाओं को कला में प्रोत्साहन देने के लिए भारत में ‘रज़ा फाउंडेशन’ की स्थापना भी की, जो युवा कलाकारों को वार्षिक 'रज़ा फाउंडेशन पुरस्कार' प्रदान करता है।इस फाउंडेशन के तहत युवा लेखकों को अपनी प्रतिभा निखारने के पर्याप्त अवसर दिए जाते हैं। कला साहित्य के क्षेत्र में यह अत्यंत प्रतिष्ठित मंच है। यह देश के प्रतिभाशाली युवाओं की पहचान करता है और उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता मिलता है।
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