"इन रंगो में जीवन की परछाई नज़र आती है" अमिता प्रकाश पहले से कहानियाँ लिख रही हैं . उत्तराखंड के पहाड़ी जीवन को उन्होंने करीब से देखा है . "पहाड़ के बादल" और "रंगों की तलाश" उनके कहानी संग्रह हैं . अमिता की कहानियां स्त्री जीवन की भीतरी दुनियां से गुजरतीं हुईं रूक-रूक कर पाठकों से संवाद करती हैं . इस रूकने में कई बार एक चुप्पी सी छाने लगती है जैसे कोई स्त्री रूक-रूक कर अपनी व्यथा व्यक्त कर रही हो . रंगों की तलाश कहानी में भी स्त्री जीवन के वे सारे अनुभव हैं जो गाहे-बगाहे पितृसत्तात्मक समाज में उसे तोहफे में मिलते रहे हैं . एक स्त्री अपने जीवन में उन रंगों की तलाश में रहती है जिनमें प्रेम, विश्वास और जीवन मूल्य घुले मिले हों . वह अपनी जीवन यात्रा में अपने सहयात्री से भी इन रंगों की उम्मीद करती है . जब उसके जीवन में ये उम्मीदें टूटती हैं तो वह किन मनः स्थितियों से गुजरती होगी, उसके विविध रंग कथानक के केनवास पर इस कहानी में उभरते हैं . अमिता जी का अनुग्रह के इस मंच पर स्वागत है . रंगों की तलाश शाम गहरा रही थी। क्षितिज पर घिर आए ’ बादलों क