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पारमिता षड़ंगी की कहानी : पत्थर में बदलने वाली

  पारमिता षडंगी  कहानी "पत्थर में बदलने वाली"- पारमिता षड़ंगी ‘ मौसी , सिर्फ तीन फूल चाहिए , पूरा एपार्टमेंट घूम आई यह फूल कहीं नहीं मिला।आज व्रत है।आप तो जानते हो इस व्रत में कनेर का फूल लगता है।एक लक्ष्मी माता को चढ़ाऊंगी , एक पूजा के थाल में रखूंगी , और एक फूल के अंदर चावल दूर्वा के साथ रखकर देवी को समर्पित करूंगी।तोड़ लूं क्या ?’ मेरी समस्या वे समझें और विश्वास करें , यह सोचकर मैंने इतनी सारी बातें एक सांस में कह दी। वे स्थिर होकर सुनती रहीं और एकाएक बोलीं , ‘ नहीं , नहीं दे सकती। ’ ‘ नहीं ’, इस एक शब्द ने मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाया , पूजा के लिए तीन फूल नहीं दिया।मैंने उनकी ओर पैनी निगाह से देखा और वापस आ गई।जब मैं वापस आ रही थी , तो वे घर के अंदर खिड़की के उस तरफ किसी से कह रही थीं , ‘ उसने फूल मांगे , मैंने नहीं दिए। ’ मैंने सुन लिया। उन्होंने एक सफेद साड़ी पहनी थी।कान , बाहें और माथे पर चंदन का लेप , गर्दन पर तुलसी की माला और बिना ब्लाउज की साड़ी पहनी हुई थीं , जिसमें से उनके शरीर की नसें बाहर झांक कर उम्र को साफ-साफ बता रही थीं।सूर्य को जल चढ़ाने के लिए मुंह फेर

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल परीक्षा 2023 के टॉपर्स की हवाई उड़ान। रायगढ़ की 6 टॉपर्स छात्राओं ने हेलीकॉप्टर में बैठकर सफलता की उड़ान का लिया आनंद

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर हुआ अमल, 10 वीं और 12 वीं के मेरिट होल्डर्स को मिला हेलीकॉप्टर राइड का तोहफा। बच्चियों ने कहा, सफलता पर मिला सबसे खास सम्मान है यह, ताउम्र रहेगी याद। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने भी दी शुभकामनाएं।  रायगढ़ की छः टॉपर्स छात्राएं रायगढ़.10 जून 2023. कहते हैं विद्यार्थी जीवन में मिली ऊंची सफलताएं वो अवसर भी देती हैं जो यादगार रह जाती हैं। आज ऐसा ही कुछ अवसर था उन टॉपर्स बच्चियों  के लिए जिन्होंने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं में इस वर्ष टॉप किया है और टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है ।  इनके विद्यार्थी जीवन में खुशी का अवसर इस रूप में आया कि छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 10 वीं और 12 वीं के टॉपर्स को हेलीकॉप्टर में जॉयराइड कराने का अपना वादा आज पूरा किया। 2023 की दसवीं और बारहवीं की वार्षिक परीक्षा प्रावीण्य सूची में स्थान बनाने वाले 78 छात्र छात्राओं को आज रायपुर में हेलीकॉप्टर राइड कराई गई। रायगढ़ जिले की 6 टॉपर बच्चियों ने भी इस मौके पर जॉयराइड का आनंद लिया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने पुलिस ग्राउंड स्थि

समकालीन हिंदी कहानी में इस बार रमेश शर्मा की कहानी "जो फिर कभी नहीं लौटते"

रमेश शर्मा की कहानी "जो फिर कभी नहीं लौटते"    रेलवे स्टेशन बहुत छोटा था। यदा-कदा पैसेंजर गाड़ियां ही शायद यहां रुका करती होंगी । रात के ठीक बारह बज रहे थे । ठंड का मौसम था। संयोग से उस दिन उस स्टेशन पर उतरने वाला वह एकमात्र यात्री था । आम तौर पर स्टेशन पर चहल-पहल रहती है पर वह स्टेशन उस वक्त एक सुनसान सी जगह लग रही थी । ठंड के मौसम में स्टेशन मास्टर अपने ऑफिस के कमरे में दुबका हुआ था और सिग्नल दिखाने वाला पोटर स्टेशन के एकदम आखरी छोर पर आग जलाकर ताप रहा था । इस स्टेशन पर इतनी रात उतरे भी कौन ? एक तो एकदम गांव से बाहर ऊपर से गांव तक जाने की कोई सुविधा भी नहीं । वह कुछ देर वहीं सुनसान  प्लेटफॉर्म पर टहलता रहा । उसे देखकर अंधेरे से निकल कर कहीं से दो कुत्ते आकर उस पर भौंकने लगे । कुछ देर के लिए वह डर गया कि कहीं काट न दें । फिर हिम्मत कर , उन्हें भगाने के लिए उसने जोर की आवाज निकाली - "तेरी माँ का भाग स्साले ----!" वह कुत्तों पर अचानक भारी पड़ गया मानों कुत्ते भी सोच में पड़ गए हों कि इस गालीबाज के कौन मुंह लगे | कुत्ते तो दूर अंधेरे में कहीं दुबक गए पर उसकी आवाज सुनकर