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2025-26 के इस बजट से मायूस हुए 16000 एन एच एम स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी. छत्तीसगढ़ एन.एच.एम. कर्मचारियों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है खास

2025-26 के इस बजट से मायूस हुए 16000 एन एच एम स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी.

छत्तीसगढ़ एन.एच.एम. कर्मचारियों के लिए बजट में कुछ भी नहीं.

करोना योद्धा कर्मचारियों में भारी निराशा

घोषित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि के लिए कई बार मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों से मुलाकत कर चुके हैं.

छत्तीसगढ़ एन.एच.एम. कर्मचारी  बड़े आंदोलन की तैयारी में

एन एच एम कर्मियों के आंदोलन में जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था होगी प्रभावित

“एनएचएम कर्मचारीयों को पूर्व घोषित 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि, सहित 18 बिंदु मांग को बजट 2025-26 में शामिल करने का था भरोसा

रायपुर ।  छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. कर्मचारी संघ अपने लंबित मांग को लेकर लगातार आवेदन-निवेदन-ज्ञापन देते आ रहे हैं एवं लम्बे समय से नियमितीकरण सहित 18 बिंदु को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। पिछली सरकार ने 19 जुलाई 2023 अनुपूरक बजट में एन.एच.एम. कर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत की राशि की बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जो आज तक अप्राप्त हैं।उक्त संविदा कर्मचारी संघ ने लगातार विभिन्न विधायक/मंत्री सहित मुख्यमंत्री को अपना ज्ञापन दिया था, जिसका आज तक निराकरण नहीं हुआ है, जिससे कर्मचारियों में फिर से अत्यंत निराशा व आक्रोश हैं।एन.एच.एम स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों को बजट में शामिल नहीं करने के कारण वे अब बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं । प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित मिरी ने जानकारी दी है कि बजट सत्र 2025-26 में एन एच एम कर्मचारियों के लिए क़ोई भी ठोस निर्णय नहीं आने से कर्मियों में रोष है और वे अंदर ही अंदर आंदोलन की बड़ी योजना बना रहे हैं साथ ही विधानसभा का फिर से घेराव भी उनकी ओर से किया जा सकता हैं।एन.एच.एम. कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अमित मिरी, प्रदेश मिडिया प्रभारी पूरन आनंद ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी है कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तो इन एन एच एम कर्मियों की मांगो का समर्थन देने डॉ रमन सिंह, अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी, केदार कश्यप सहित भाजपा के तमाम दिग्गत नेता आये थे और उनकी मांगो को प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर 100 दिवस के अंदर निराकरण की बात उनकी ओर से  बोला गया था जो  15 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया। इस सरकार के दूसरे बजट में इन कर्मियों को  भारी अपेक्षा थी, 16000 हजार से भी अधिक एन एच एम कर्मियों की मांगो को बजट में समाहित कर राहत देंगे, लेकिन एनएचएम कर्मियों के लिए कुछ भी समाहित नहीं है, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश एवं निराशा है।

प्रदेश में ट्रिपल इंजन की सरकार है, सरकार बदली चुनाव में बड़े-बड़े वादे हुए, लेकिन एन.एच.एम. कर्मचारी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की समस्या जस की तस बनी हुई हैं. प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ माने जाने वाले कर्मचारियों ने बताया की इस बजट में उन्हें बहुत भरोसा था उनकी मांगों को प्राथमिकता दीया जायेगा , लेकिन इस सरकार के दूसरे बजट में भी क़ोई निर्णय नहीं लेने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश एवं निराशा है। 

प्रदेश एन एच एम कर्मचारी करेंगे इस बजट का विरोध । बना रहें हैं बड़ी आंदोलन की योजना.

उनकी 18 सूत्रीय माँगे-:

1.नियमितिकरण.

2.एन.एच.एम. कर्मचारियों का पे-स्केल/ग्रेड-पे निर्धारण

3.लंबित 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि का भुगतान

4.विभिन्न पदों मे वेतन विसंगति

5.सेवा पुस्तिका निर्धारण

6.कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता

7.वेतन पुनरीक्षण

8.तबादला व्यवस्था मे अनियमितता

9.चिकित्सा परिचर्या

10.अवकाश नियम में बदलाव

11.अनुकंपा नियुक्ति

12.पदोन्नति का प्रावधान तथा भर्ती में एनएचएम कर्मचारियों को नियमित पाठ्यक्रम की बाघ्यता से छूट

13.अनुकंपा अनुदान राशि में वृद्धि

14.कार्य आधारित मूल्यांकन में रूके 05 प्रतिशत वेतन-वृद्धि का भुगतान

15.चिरायु योजना के तहत् कार्य कर रहे एम.एल.टी. के वेतन विसंगति

16.ई.पी.एफ. का लाभ

17.मुख्यालय निवास नियम में बदलाव

18.शासकीय आवास का आबंटन

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