'रंग अजय : राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव' 2024 छत्तीसगढ़ इप्टा रायगढ़ इकाई द्वारा आज 2 जनवरी से आरंभ हो गया। इस अवसर पर इप्टा रायगढ़ द्वारा रंगमंच के क्षेत्र में दिया जाने वाला 13वां शरद चंद्र बैरागकर आठले सम्मान मध्यप्रदेश इप्टा के रंगकर्मी हरिओम राजोरिया एवं सीमा राजोरिया दोनों को संयुक्त रूप से दिया गया।
मंच पर रविंद्र चौबे ,मुमताज भारती एवं आशा त्रिपाठी की उपस्थिति रही। युवराज सिंह आज़ाद एवं रविन्द्र चौबे ने मिलकर रायगढ़ में चली आ रही रंगमंच से जुड़ी गतिविधियों को बहुत बेहतर तरीके से सबके सामने रखा और इप्टा की भूमिका को रेखांकित किया। शरद चंद्र बैरागकर के संबंध में भी बहुत जरूरी बातें युवराज ने रखी।
इस अवसर पर पॉलीटेक्निक सभागार में शहर के लोगों की गरिमामयी उपस्थिति रही।पॉलीटेकनिक ऑडिटोरियम में रात्रि 7 बजे से नाटकों की प्रस्तुति आज से होगी जो 6 जनवरी तक चलेगी।
■आज 2 जनवरी शाम7 बजे हुआ नाटक "व्याकरण" का मंचन
इस नाटक में गरीब आदिवासियों के विस्थापन के दंश को प्रस्तुत किया गया है । किस तरह एक आंदोलन का व्याकरण होता है। किस तरह इसे ख़त्म करने का एक व्याकरण होता है । यह नाटक एक लड़ाई और इसमें शामिल होने वाले लोग, उसे सहयोग करने वाले लोग और लड़ाई से लाभ लेने वाले लोगों का व्याकरण प्रस्तुत करता है। वनवासियों की जगह पर कब्जा करने के लिए कितने तरह के प्रपंच रखे जाते हैं, प्रशासन का भ्रष्ट्राचार, समाजसेवा का झूठा नकाब, देश की चिंता न करने वाला नागरिक, वनवासियों को वोट बैंक की तरह उपयोग करने वाली सरकार। इस नाट्य प्रदर्शन में तीन प्रमुख विचारों को सामने लाने की कोशिश की गई है ।पहला सरकार क्या चाहती है? दूसरा बुद्धिजीवी वर्ग क्या चाहता है? और तीसरा आदिवासी समुदाय क्या चाहता है? गुलाबी ठंड के बीच पॉलीटेक्निक ऑडोटोरियम में दर्शकों की अच्छी खासी उपस्थिति रही।
हरिओम राजोरिया के साथ रमेश शर्मा एवं श्यामनारायण श्रीवास्तव |
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